सबसे पहले किसान को बीज हमेशा प्रमाणित और विश्वसनीय स्थान से ही खरीदना चाहिए। सरकारी मान्यता प्राप्त बीज विक्रेता, लाइसेंसशुदा कृषि आदान केंद्र या अधिकृत बीज कंपनियों से खरीदे गए बीज आमतौर पर गुणवत्ता की दृष्टि से सुरक्षित होते हैं। अनजान दुकानों, असंगठित बाजारों या फुटपाथ के विक्रेताओं से बीज खरीदने से बचना चाहिए क्योंकि वहाँ गुणवत्ता की कोई गारंटी नहीं होती।
बीज का पैकेट भी बहुत कुछ बताता है। असली बीज आमतौर पर सीलबंद और बिना छेड़छाड़ वाले पैकेट में आता है। बीज खरीदते समय यह देखना जरूरी है कि पैकेट की सील सही हालत में हो और वह खुला या दोबारा पैक किया हुआ न लगे। असली कंपनियों के पैकेट पर स्पष्ट लेबल, कंपनी का नाम और लोगो (चिन्ह) भी साफ तौर पर अंकित होते हैं। अगर पैकेट फटा हुआ, धुंधला या संदिग्ध लगे तो सावधानी बरतनी चाहिए।
बीज पैकेट पर छपी जानकारी को ध्यान से पढ़ना भी बहुत जरूरी है। असली बीज के पैकेट पर फसल का नाम, किस्म का नाम, बीज का लॉट नंबर, अंकुरण क्षमता (germination rate), बीज का वजन, पैकिंग की तारीख, समाप्ति तिथि और प्रमाणन विवरण जरूर होते हैं। अगर इनमें से कोई भी जानकारी गायब है, अस्पष्ट है या गलत लगती है तो वह बीज नकली हो सकता है।
प्रमाणित बीज के पैकेट पर अक्सर सरकारी प्रमाणन टैग या सील भी होती है, जो दर्शाती है कि उस बीज की गुणवत्ता की जांच हो चुकी है। कई बार इन पर होलोग्राम, QR कोड या बारकोड भी होता है, जिसे स्कैन करके बीज की असलियत जांची जा सकती है। खरीदारी के समय यह सब भी देखना आवश्यक है।
बीज को खरीदने के बाद, बड़े स्तर पर बोने से पहले घर पर एक छोटा अंकुरण परीक्षण करना भी फायदेमंद होता है। इसके लिए कुछ बीज गीले कपड़े या पेपर पर रखकर उसे छायायुक्त और गर्म स्थान पर 5–7 दिन तक छोड़ दें। यदि अधिकांश बीज अंकुरित हो जाते हैं तो बीज अच्छा और असली है। अगर अंकुरण बहुत कम होता है तो उस बीज का उपयोग नहीं करना चाहिए।
बीज को आंखों से ध्यान से देखकर भी उसकी गुणवत्ता का अनुमान लगाया जा सकता है। अच्छे बीज आमतौर पर आकार, रंग और बनावट में एक समान होते हैं। वे साफ-सुथरे होते हैं और उनमें धूल, कचरा, पत्थर, फफूंदी या कीड़े-मकोड़े नहीं होते। अगर बीज बहुत हल्का, सिकुड़ा हुआ, टूटा-फूटा या रंगहीन लगे तो वह नकली या पुराना हो सकता है।
यदि फिर भी कोई संदेह हो तो किसान को नजदीकी कृषि विभाग के अधिकारियों या अनुभवी किसानों से सलाह लेनी चाहिए। वे संदिग्ध बीज की पहचान करने में मदद कर सकते हैं और भरोसेमंद विक्रेताओं की जानकारी भी दे सकते हैं। इसके अलावा, हर बीज खरीद के समय रसीद, पैकेट और विक्रेता की जानकारी को संभालकर रखना चाहिए ताकि भविष्य में शिकायत या दावा करने की स्थिति में उपयोग किया जा सके।
निष्कर्षतः, फसल की सफलता की शुरुआत सही बीज से होती है। अगर किसान सावधानीपूर्वक बीज की पहचान करेगा और विश्वसनीय स्रोत से खरीदेगा, तो फसल अच्छी होगी और मेहनत का फल भी बेहतर मिलेगा। याद रखें — अच्छा बीज केवल एक आदान नहीं, बल्कि पूरे कृषि चक्र की नींव है।