धान की फसल की बम्पर पैदावार लेने के लिए सुझाव

धान भारत की प्रमुख दलहन फसलों में से एक है। धान की खेती में निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए:

धान की फसल की बम्पर पैदावार लेने के लिए सुझाव

भूमि का चयन: दोमट व चिकनी मिट्टी जिसका पी. एच मान 5.5 से 9.5 तक हो। 

 खेत की तैयारी : : एक गहरी जुताई करें तथा खेत को पानी से भर कर रोटावेटर से पडलिंग करें। 

 बीज दर :

बासमती धान                                   6-8 कि.ग्रा. प्रति एकड़ 

पलमल (पी.आर.) धान                       8-10 कि.ग्रा. प्रति एकड़ 

हाईब्रिड (संकर) धान                         6-7 कि.ग्रा. प्रति एकड़ 

नर्सरी बिजाई का समय 

कम अवधि वाली किस्मेंः                    15 मई से 30 जून तक 

मध्यम अवधि व हाईब्रिडः                   15 मई से 30 मई 

बासमती धानः                                जून का पहला पखवाड़ा 

नर्सरी तैयार करना 

* एक कि.ग्रा. बीज के लिए 25 वर्गमीटर क्षेत्र नर्सरी के लिए उपयुक्त है। 

यूरिया 1 कि.ग्रा., 1 कि.ग्रा. डी.ए.पी व 500 ग्रा. जिंक प्रति 150 वर्ग मीटर पडलिंग करते समय डाले। 

रोपाई 

* बिजाई के 15 दिन बाद एक कि.ग्रा. यूरिया शाम को डालें। 

पौध उखाड़ने से एक दिन पहले नर्सरी में पानी लगाएं ताकि जड़ें न टूटें। 

* बासमती धान की 20-25 दिन व अन्य धान की 25-30 दिन की पौध लगाएं। 

* रोपाई से पहले पौध को 2 ग्रा. कार्बडाजिम प्रति लीटर पानी के घोल में कम से कम आधा घंटा डुबोएं ताकि बकानी रोग से बचाव हो सके। 

* लम्बी पौध का उपरी 3-4 से.मी. हिस्सा तोड़ दे। 

 

उर्वरक मात्रा (कि.ग्रा. एकड़) 

धान के प्रकार                    यूरिया    डी.ए.पी.              पोटाश (ए)           जिंक 

बौनी बासमती                      70          30                         25                         10 

लंबी बासमती                       40          30                         25                         10 

संकर धान                          115        60                         25                         10 

* डी.ए.पी व पोटाश बिजाई के समय दे। 

* आधी यूरिया व जिंक सल्फेट की पूरी मात्रा रोपाई के 10-15 दिन बाद। 

* आधी बची हुई यूरिया 6 सप्ताह बाद डालें। 

 

खरपतवार नियंत्रण : नीचे दिए हुए किसी एक खरपतवारनाशी का प्रयोग करें: 

  रोपाई के तीन दिन बाद 

ब्यूटाक्लोर 50 ई.सी.                                         - 12 लीटर प्रति एकड़ 

प्रेटीलाक्लोर 50 ई.सी.                                      - 800 मि.ली. प्रति एकड़ 

रोपाई के 15-20 दिन बाद 

बिस्पाईरी बैक (नोमिनी गोल्ड)                          - 100 मि.ली. प्रति एकड़ 

मेटसल्फयूरॉन मिथाईल 20 डब्लू.पी.              - 8 ग्रा. प्रति एकड़ 

 

हानिकारक कीट 

तना छेदक :  8 कि. ग्रा. कारटप हाइड्रोक्लोराई (पदान) 4 जी या 5 कि.ग्रा. फिप्रोनिल (रिजेंट) 03 जी प्रति एकड़। 

* गोभ अवस्था आने पर 20 मि.ली. फ्लूबेंडामाईड (टाकुमी) 39.35% प्रति एकड़ की दर से स्प्रे करें। 

 

पत्ता लपेट :  * 50 ग्रा. फ्लूबेंडामाईड (टाकुमी) 20% एस.सी. या 120 ग्रा. पाईमैट्रोजिन (चैस) 50% डब्ल्यू.जी. 

प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें। 

 

प्रमुख बिमारियाँ 

बदरा (ब्लास्ट) : नर्सरी को सूखा न रहने दे व 15 जुलाई से पहले रोपाई करें। 

या गर्दन तोड़       खेत में नमी बनाए रखें व बाली निकलने के समय सूखा न रहने दें। 

* 200 मि.ली. एमीस्टार टॉप (एजोक्सिस्ट्रॉबिन 18.2% + डाईफैनोकोनाजोल 11.4% एस. सी.) का 200 लीटर पानी प्रति एकड़ की दर से स्प्रे करे। 

शीथ ब्लाईट : 200 मि.ली. एमीस्टार टॉप या 450 मि. ली. वैलीडामाइसिन (शीथमार) 3% एम.एल प्रति एकड़ की दर से स्प्रे करें।

 

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