खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी
फसल की अच्छी पैदावार के लिए गहरी, उपजाऊ और मध्यम बनावट वाली मिट्टी उपयुक्त होती है। लवणीय (saline) और क्षारीय (alkaline) मिट्टी में बुवाई से बचें, क्योंकि यह फसल की वृद्धि और उत्पादन को नुकसान पहुंचाती है।
बुवाई का समय
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खरीफ मौसम: मानसून शुरू होने से पहले, 15 जुलाई तक
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रबी मौसम: 15 अक्टूबर से 15 नवम्बर तक
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ग्रीष्मकालीन मौसम: 15 जनवरी से 15 फरवरी तक
बीज की मात्रा
अधिकतम पौध संख्या और अच्छी उपज के लिए प्रति एकड़ 8–10 किलोग्राम उच्च गुणवत्ता वाला बीज प्रयोग करें।
बुवाई की विधि
मेंढ़ व नाली (रिज एंड फरो) पद्धति समतल बुवाई की तुलना में अधिक लाभकारी होती है, क्योंकि इससे अंकुरण तेज़ और स्वस्थ होता है।
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मेंढ़ों को पूर्व-पश्चिम दिशा में बनाएं और बीजों को मेंढ़ की दक्षिण दिशा में 5–6 सेमी की गहराई पर बोएं।
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समतल बुवाई के लिए बीज की गहराई 3–4 सेमी रखें।
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लाइनों के बीच 75 सेमी और पौधों के बीच 20 सेमी की दूरी रखें।
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बुवाई के 15–20 दिन बाद, अतिरिक्त पौधों को निकाल दें ताकि पौधों के बीच उचित दूरी बनी रहे।
खाद एवं उर्वरक प्रबंधन
बुवाई से 15–20 दिन पूर्व, प्रति एकड़ 3–4 टन अच्छी सड़ी गोबर की खाद खेत में मिला दें।
प्रति एकड़ अनुशंसित उर्वरक मात्रा:
मौसम | यूरिया (कि.ग्रा.) | डीएपी (कि.ग्रा.) | म्यूरेट ऑफ पोटाश (कि.ग्रा.) | जिंक सल्फेट (कि.ग्रा.) |
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खरीफ | 40 | 40 | 10 | 10 |
रबी/ग्रीष्म | 120 | 50 | 145 | 50 |
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बुवाई के समय: डीएपी, पोटाश, जिंक सल्फेट की पूरी मात्रा और यूरिया की एक-तिहाई मात्रा दें।
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घुटनों तक ऊंचाई पर: यूरिया की दूसरी एक-तिहाई मात्रा दें।
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झंडे निकलने से पहले: शेष एक-तिहाई यूरिया दें।
खरपतवार नियंत्रण
खरपतवार का प्रकार | खरपतवारनाशी का नाम | मात्रा | पानी की मात्रा | छिड़काव का समय |
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चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार | एट्राजीन 50% WP | 400 ग्राम | 200 लीटर | बुवाई के तुरंत बाद |
चौड़ी + संकरी पत्ती वाले | टैम्बोट्रायोन 34.4% SC (लौडिस) | 115 मि.ली. | 200 लीटर | बुवाई के 15 दिन बाद |
आवश्यकतानुसार 1–2 निराई-गुड़ाई अवश्य करें।
सिंचाई कार्यक्रम
फूल आने और दाना भरने की अवस्था में सिंचाई अवश्य करें ताकि उपज में वृद्धि हो। बरसात के मौसम में अतिरिक्त पानी की निकासी की उचित व्यवस्था जरूर करें।
प्रमुख कीट एवं रोग नियंत्रण
समस्या | उपचार उत्पाद | मात्रा | पानी की मात्रा | छिड़काव का समय |
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तना छेदक | एकालक्स (क्विनालफॉस) या सायपरमैथ्रिन | 500 मि.ली. या 100 मि.ली. | 200 लीटर | बुवाई के 15 दिन बाद |
पत्तों की झुलसन व धब्बे | मैंकोजेब (इंडोफिल M-45) | 600 ग्राम | 200 लीटर | जब फसल की ऊँचाई घुटनों तक हो |
तना गलन |